इलाज़ के दौरान नवजात शिशु की मौत, इलाज के दौरान लापरवाही का लगाया आरोप,जांच पड़ताल जारी
संवाददाता हमराज़ लोधी
बाराबंकी सिरौलीगौसपुर स्थित संयुक्त चिकित्सालय में मंगलवार को इलाज के दौरान एक नवजात शिशु की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही बरतने का गंभीर आरोप लगाया है।
मृतक शिशु की पहचान मेलारायगंज निवासी जियाउद्दीन के पुत्र रय्यान के रूप में हुई है। परिजनों ने बताया कि बच्चे को इससे पहले 15 दिसंबर को भी इसी अस्पताल में दिखाया गया था।
मृतक बच्चे की मौसी अय्या ने जानकारी दी कि वे बच्चे को सिरौलीगौसपुर अस्पताल ले गए थे। वहां डॉक्टर ने बच्चे को दो इंजेक्शन लगाए, जिसके बाद उसके शरीर पर काले धब्बे पड़ने लगे। डॉक्टर ने इसे ठंड का असर बताया। अय्या ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने उन्हें बाहर जाने को कहा और बच्चे को देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद वे जबरन अपने बच्चे को लेकर घर आ गए।
रोते बिलखते परिजन
मां नजमा खातून ने बताया कि उनका बच्चा पहले ठीक था और वे उसे केवल दिखाने ले गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल स्टाफ ने उन्हें जबरदस्ती बच्चे को भर्ती करने के लिए कहा, जबकि वे ऐसा नहीं चाहते थे। भर्ती करने के बाद दो इंजेक्शन लगाए गए, जिसके बाद बच्चे की मौत हो गई। नजमा खातून के अनुसार, उन्हें डॉक्टर से जबरन अपने बच्चे का शव लेना पड़ा।
फ़ाइल फोटो नवजात शिशुशिशु का जन्म 3 दिसंबर को सैदनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में हुआ था। परिजनों ने बताया कि बच्चा कमजोर था और दूध नहीं पीता था। इसकी दवा 15 दिसंबर को इसी अस्पताल की एक महिला डॉक्टर से ली गई थी, जिसकी दवा से बच्चे का वजन बढ़ रहा था। वह दवा खत्म हो गई थी, इसलिए मंगलवार सुबह करीब 11 बजे वे बच्चे की दवा लेने संयुक्त चिकित्सालय सिरौली गौसपुर गए थे। दूसरे डाक्टर ने दो इंजेक्शन लगा दिए जिससे उसकी जांन चली गई।
अस्पताल के इलाज करने वाले डॉक्टर मुशीर अहमद खान ने बताया कि बच्चा तीन सप्ताह का था और उसमें हाइपोथर्मिया और ठंडवके लक्षण थे। प्राथमिक उपचार के बाद बच्चा ठीक लग रहा था और मां ने उसे दूध पिलाने के लिए लिया था। डॉक्टर के अनुसार, बच्चे को आगे के इलाज के लिए जिला अस्पताल रेफर किया गया था, लेकिन परिजन उसे लेकर नहीं गए। बच्चे का वजन 2.4 किलोग्राम था।
अस्पताल पर्चा 30/12/2025






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